सिरपुर जिला स्तरीय सम्मेलन में 875 सदस्यों ने लिया हिस्सा
महासमुंद। छत्तीसगढ़ महिला किसान मंच की सदस्य हेमलता ने बताया कि महासमुंद जिले के 875 सदस्यों ने एक मंच में आकर जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल, जंगल, जमीन का तेेजी से घटते स्तर पर विचार कर योजना बनाना है। कार्यक्रम में प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और बढ़ाने के लिए कार्य करने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और बढ़ाने के लिए गोधन न्याय योजना में गोठान और रीपा जैसी महत्वकांक्षी योजना नरुवा गरुवा, घुरुवा व बारी को शामिल कर महिलाओं को भी आर्थिक रुप से सशक्त किया जा रहा है। उसी प्रकार छत्तीसगढ़ में वन उत्पाद, महुआ, चार, तेंदूपत्ता के साथ अन्य उत्पाद का भी बाकी राज्य से समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। इसलिए इसे बचाने बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने सभी महिलाओं से बिहान योजना में जुडकऱ सशक्त होने की अपील की।
शिल्पा सारा ने वन अधिकार अधिनियम से संबंधित समस्या पर पूर्ण सहयोग करने का विश्वास दिलाया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल ने सभी को योजना क्रियान्वयन संबंधित सहयोग पूर्ण रुप से करने की बात कही। जनपद सदस्य निधि लोकेश चंद्राकर ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में महिला अपनी भूमिका निभा रही हंै, महिलाएं सर्वोच्च पद पर हैं। ऐसे उदाहरण समाज में बताना है और बढ़ाना है। सामाजिक कार्यकर्ता तारिणी चंद्राकर, प्रहलाद पटेल ने भी विचार रखे।
कार्यक्रम में मुख्य आयोजक छग महिला किसान मंच, वन अधिकार/सामुदायिक वन प्रबंधन समिति प्रेरक समिति महासमुंद, श्रीजन कल्याण समाज सेवी संस्था के सदस्य और सभी मंच से पुन्नी बाई ध्रुव, देवकुंवर साहू, रोशनी निषाद, सीता बाई यादव, ललित धीवर, ज्ञानसिंह ध्रुव, अनुसुईया साहू, अर्चना राजपूत, ओम ध्रुव, जानता बाई खैरवार, बुधवंतीन निषाद, हीरा निषाद, मोहन निर्मलकर, सत्यवान ध्रुव, विष्णु ध्रुव, सेवती यादव, कल्याणी ध्रुव, अजय ध्रुव, डिगेश्वरी, विष्णुप्रिया, हीना साहू, किशन साहू आदि मौजूद रहे।
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