राष्ट्रपति के नाम मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
महासमुंद। झारखंड स्थित जैन समाज के तीर्थस्थली सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने से पूरे देशभर में जैन समाज आक्रोशित है। इसी तारतम्य में आज यहां मुख्यालय में समाजजनों ने मौन रैली निकाली और राष्ट्रपति के नाम मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
विरोध प्रदर्शन के लिए समाज के महिला-पुरुष और बच्चे सुबह श्वेताम्बर जैन मंदिर में एकत्र हुए और मौन रैली निकालते हुए शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां समाजजनों ने डिप्टी कलेक्टर नेहा भेडिय़ा को राष्ट्रपति के नाम तीर्थस्थली सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल नहीं बनाए जाने और वहां व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए जाने की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा। समाज ने उक्त जारी अध्यादेश को निरस्त करने की मांग की है।
जानिए..समाज की मांग
ज्ञापन में प्रमुख मांगों में केन्द्र सरकार सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल, नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करें। पारसनाथ पर्वतराज को अन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अतंर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन/ धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए। पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग और तीर्थ माना जाता है लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचना क्र 2795 ई 2 अगस्त 2019 को जारी अविलंब रद्द किया जाए। पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित किया जाए। पर्वतराज के वंदना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व असभ्य सामग्री बिक्री मुक्त कर सीसीटीव्ही सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाए जाए। पर्वतराज से पेड़ों अवैध कटाव, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो। देश के किसी भी कोने में स्थापित जैन तीर्थ उसे पलिताना, गिरनार जो आदि स्थल को भी जैन तीर्थ घोषित किया जाए।