महासमुंद। शासन की मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को परोसे जाना वाला मध्याह्न भोजन महिला स्वा सहायता समूहों ने राशन सामग्री और रसोईयों को तीन माह से मानदेय भुगतान न होने से बंद जिले के कई स्कूलों में बंद कर दिया है।
इधर, स्कूलों में मध्याह्न भोजन बंद होने से विद्यार्थियों को बिना भोजन किए ही वापस लौटना पड़ा। मुख्यालय स्थित बृजराज प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला में मध्याह्न भोजन कक्ष में ताला लगा रहा। सुबह स्कूल पहुंचीं महिला स्वा सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि भुगतान की वजह से वे आज से मध्याह्न भोजन का संचालन बंद कर रही हंै। उन्होंने बताया कि पिछले ढाई माह से उन्हें मध्याह्न भोजन की न ही सामग्री का राशि मिली है और न ही समितियों के अंतर्गत कार्य करने वाली महिलाओं को मानदेय का भुगतान हुआ है जिससे उन्हें मध्याह्न भोजन का संचालन बंद करने का कदम उठाना पड़ा है। समूह की महिलाओं ने बताया कि कई बार वे भुगतान के लिए मांग कर चुकी हैं पर अब तक भुगतान नहीं हुआ है। बीआरसी जागेश्वर सिन्हा ने बताया कि शहर के लगभग सभी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का संचालन आज से बंद कर दिया गया है।
ढाई माह में राशन की एक लाख की उधारी
रोशनी महिला स्वा सहायता समूह की लक्ष्मी साहू, निशा यादव और सावित्री जलक्षत्री ने बताया कि पिछले ढाई माह से वे दुकान से उधार में राशन लेकर मध्याह्न भोजन का संचालन कर रही हैं। ढाई माह में दुकान में करीब एक लाख रुपए की उधारी हो चुकी है जिससे दुकानदारों ने उधार की रकम जमा होने तक सामान देने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि अब वे योजना का संचालन घर की राशि लगाकर नहीं कर सकतीं। महिलाओं ने बताया कि उन्हें पिछले वर्ष कोरोनाकाल के दौरान वितरित किए गए सूखा राशन का भी भुगतान अभी तक नहीं मिला है।
केन्द्र सरकार से नहीं मिली राशि, प्रक्रियारत
इस संबंध में शिक्षा विभाग के मध्याह्न भोजन योजना के प्रभारी सतीश नायर का कहना है कि केन्द्र सरकार की ओर से ही अब तक राज्य शासन को उक्त योजना के लिए बजट का आबंटन नहीं मिला है जिससे समूहों का भुगतान लंबित है। इसके लिए कई बार पत्र व्यवहार हो चुका है। जानकारी मिली है कि भुगतान प्रकियारत है जैसे ही भुगतान प्राप्त होगा समूहों को भुगतान कर दिया जाएगा। मध्याह्न भोजन स्कूलों में बंद होने की जानकारी नहीं है।
जिले में बकाया भुगतान की स्थिति
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में प्राथमिक और माध्यमिक शाला को मिलाकर कुल 1815 स्कूलों में योजना संचालित है। जिसमें 3645 में रसोईया कार्यरत है और 3605 में महिला समूह द्वारा राशन सामग्री का वितरित की जा रही है। जिसका करीब 4 करोड़ 40 लाख रुपए कुकिंग कास्ट और 1 करोड़ 35 लाख रुपए रसोईयों का भुगतान लंबित है।