कोरबा। घर से निर्माणाधीन मकान में काम करने पहुंचा राजमिस्त्री लड़खड़ाकर गिर गया। उसे मौके पर मौजूद मजदूरों ने आनन फानन इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया, जहां थोड़ी ही देर बाद उसकी मौत हो गई। मृतक पूरी तरह से स्वस्थ था। वह बीते एक माह से लगातार धूप में काम कर रहा था। आशंका जताई जा रही है कि लू की चपेट में आने से उसकी मौत हुई होगी। मामले जांच उपरांत वस्तुस्थिति स्पष्ट होगी।
सिविल लाइन रामपुर थानांतर्गत खरमोरा में जगदेव यादव 58 वर्ष परिवार सहित निवास करता था। वह और उसका बड़ा पुत्र कृष्ण कुमार राजमिस्त्री का काम करते थे। जगदेव बीते एक माह से खरमोरा में ही रहने वाली सरोज बाई मरकाम के निर्माणाधीन मकान में काम कर रहा था। वह प्रतिदिन की तरह शनिवार की सुबह करीब 8 बजे घर से काम करने निकला। वह निर्माण स्थल पर पहुंचने के बाद बैठा हुआ था। थोड़ी देर बाद जैसे ही जगदेव खड़ा हुआ, वह लड़खड़ाकर गिर गया। जिसकी जानकारी मौके पर मौजूद उसके साले नंद कुमार यादव ने परिजनों को दी। वह अपने जीजा जगदेव को बिना समय गंवाएं मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया, जहां इलाज के दौरान जगदेव की मौत हो गई। मामले की सूचना मिलने पर अस्पताल पुलिस ने परिजनों का बयान दर्ज किया। इस दौरान मृतक के पुत्र कृष्ण कुमार ने बताया कि उसके पिता पूरी तरह से स्वस्थ थे। वे बीते एक माह से तेज धूप में भी मकान निर्माण का काम कर रहे थे। संभवतः उनकी मौत लू की चपेट में आने से हुई होगी। हालांकि इस बात की पुष्टि डॉक्टरों ने नहीं की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनो के सुपुर्द कर दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत का खुलासा हो सकेगा।
भाई के बाद पिता की मौत ने झकझोरा
मृतक के पुत्र कृष्णा यादव ने बताया कि पांच माह पहले उसके छोटे भाई नंदलाल की तबीयत अचानक बिगड़ी। उसने थोड़ी ही देर बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उसकी मौत के गम से परिजन उबरे भी नही थे कि पिता की मौत हो गई । इस घटना के बाद कृष्णा के कंधे पर मां के अलावा एक भाई और दो बहन की जिम्मेदारी आ गई है।