दंतेवाड़ा । मां दंतेश्वरी की डोली दंतेवाड़ा कल देर रात वापस लौट आएगी, मां दंतेश्वरी की डोली और छत्र को बस्तर राज परिवार समेत दशहरा समिति के सदस्यों द्वारा कल विदाई दी जाएगी, जिसके बाद देर रात माईजी की डोली व छत्र दंतेवाड़ा पहुंचेगी। दरअसल, 31 अक्टूबर की देर रात माता की डोली और छत्र का दंतेवाड़ा में आगमन होगा, जिसके लिए टेंपल कमेटी ने पहले से प्रबंध किया है, मां दंतेश्वरी की डोली दंतेवाड़ा पहुंचेगी तो भक्तों के द्वारा माता की डोली का भव्य स्वागत किया जाएगा। माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ एक बार फिर उमड़ेगी, वहीं मंगलवार को देर रात मां दंतेश्वरी की डोली आवराभाटा स्थित डेरा में विश्राम के लिए रखा जाएगा। इसके बाद मां दंतेश्वरी की डोली को विधि विधान से पूजा अर्चना कर पुलिस जवानों द्वारा गार्ड आफ आनर दिया जाएगा। ढोल नगाड़ों के साथ माता की डोली को दंतेवाड़ा जय स्तंभ चौक लाया जाएगा। जहां मां दंतेश्वरी ने बोधराज देव से मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति मांगेंगी। इस दौरान जय स्तंभ चौक स्थित बोधराज देव की मंदिर के पुजारी द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना कर उन्हें सफेद मुर्गा भेंट किया जाएगा। बोधराज देव ने माता को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति देंगे, डोली और छत्र को धूमधाम से मां दंतेश्वरी मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसके साथ ही 107 दिन का होने वाला विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा संपन्न होता है।
शहर की सड़कों में स्वागत के लिए बनाई जाएंगी रंगोलियां
अष्टमी को जिस धूमधाम से दंतेश्वरी माता की डोली और छत्र को बस्तर दशहरे के लिए रवाना किया जाता है, वापसी में भी नर्तक दलों और नगर के लोगों के द्वारा अवराभाटा से लेकर दंतेश्वरी मंदिर तक सड़कों में रंगोलियां सजाई जाती हैं, अतिशबाजी के बीच दंतेश्वरी माता को मंदिर प्रवेश करवाया जाता है, बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ मां दंतेश्वरी माता के दर्शन के लिए लिए रखा जाएगा।