जांजगीर-चांपा , 22 फरवरी। जांजगीर लोकसभा क्षेत्र आरक्षित सीट है इसलिए इस सीट पर अनुसूचित जाति नेतृत्व को लेकर घमासान ज्यादा है। इसी घमासान के बीच निर्विवाद नाम उभर कर सामने आया है वह है सुनीता पाटले। भाजपा संगठन में वे अनुसूचित जाति मोर्चा से प्रदेश मंत्री का पद संभाल रही हैं।
श्रीमती सुनीता पाटले जांजगीर लोकसभा की सबसे हाटसीट अकलतरा के ग्राम नरियरा से है जहां की मिट्टी की बात ही अलहदा है। नरियरा अकलतरा विधानसभा के सबसे बड़े गांव में आता है और अब नरियरा स्वतंत्र नगर पंचायत बनने जा रहा है ऐसी मिट्टी में बहु बन कर आने वाली सुनीता के व्यक्तित्व पर यहां की राजनीतिक विचारधारा का तो असर होना ही था। अगर वे लोकसभा चुनाव जीतने का दावा करें तो आश्चर्य की बात नही होगी। वैसे भी प्रदेश मंत्री सुनीता पाटले ने अपना राजनीतिक सफर 1996 से शुरू कर दिया था। ढाई दशक के राजनीतिक जीवन में उन्होंने सामान्य सदस्य से प्रदेश मंत्री का पद संभाला है और उत्तरोत्तर पद सोपान में वृद्धि ही दर्ज की है। उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा और मेहनत देखकर उन्हें अंबिकापुर जिले में चुनाव सह प्रभारी बनाया गया था जिसे उन्होंने निष्ठापूर्वक निभाया।
00 बड़े-बड़े धुरंधरों ने सीट गंवाई
बड़े-बड़े धुरंधरों ने विधानसभा चुनाव में सक्ती सहित जांजगीर लोकसभा की आठ सीटें गंवाई है। ऐसे में भाजपा हाईकमान इन धुरंधरों को तिरछी नजरों से देख रहे हैं। इसलिए संभावना बढ़ जाती है कि इस बार बिल्कुल नये महिला चेहरे को मौका दे। जिसमें प्रदेश मंत्री सुनीता दोनों मापदंडों पर खरा उतरतीं है।
0 योगदान को नकारा नहीं जा सकता
सुनीता पाटले ने अपने राजनीतिक जीवन में अपना दामन साफ रखा और लगातार ऊंचाई पर गयी। लोकसभा के लिए भाजपा हाईकमान इस नाम पर विचार करें तो यह जांजगीर लोकसभा के लिए बेहतर होगा। विधानसभा चुनाव 2023 में कोरबा और कटघोरा के अनुसूचित जाति मतदाताओं को एक मंच पर लाकर उन्होंने कोरबा और कटघोरा विधानसभा में भाजपा का परचम लहराने में प्रदेश मंत्री सुनीता के योगदान को नकार नहीं जा सकता है।
निर्विवाद प्रत्याशी है सुनीता
राजनीतिक जीवन में यू तो बहु सारे दाग लग जाते है और दुश्मन भी पैदा हो जाते है लेकिन सुनीता को लेकर ऐसी कोई बात नही है। जांजगीर लोकसभा में इनको लेकर सभी कार्यकर्ता भरोसा भी करते है और सपोर्ट भी करते है। लोकसभा क्षेत्र में सभी लोग सुनीता को हाथो हाथ उठा कर भरोसा भी जता रहे है।
