कोरबा….कटघोरा के बाद छुरी के आसपास भी लिथियम की उपलब्धता का पता चला है, जिसका जल्द ही सर्वे शुरू होगा। कटघोरा व रियासी कश्मीर में मिले लिथियम भंडार का खनन अधिकार प्राप्त करने के लिए देश-विदेश की 50 बड़ी-बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इसमें कोल इंडिया, अडाणी, वेदांता जैसे समूह शामिल है, जिसने लिथियम भंडार का खनन करने कंपोजिट लाइसेंस का टेंडर लिया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की जांच के बाद जेंजरा, छुरी में लिथियम के भंडार की पुष्टि हाे चुकी है। जीएसआई अब इसकी रिपोर्ट केन्द्रीय खान मंत्रालय व छत्तीसगढ़ शासन को भेजेगा। केंद्र सरकार ने खनन अधिनियम के लिए पिछले साल अगस्त में संशोधन किया था। उसके बाद से लिथियम, ग्रेफाइट, ग्लूकाेनाइट जैसे 20 से अधिक खनिजों का पता लगाने और उनके खनन के लिए निजी क्षेत्र को भी अनुमति मिल गई।
सफेद सोना कहे जाने वाले लिथियम का उपयोग डिजिटल उपकरण व ई-वाहन की बैटरी बनाने के लिए जरूरी हो गया है। इसके अलावा सीमेंट व इस्पात उद्योग में भी उसकी उपयोगिता है। अब तक चीन, अर्जेंटीना, चिली, सिंगापुर जैसे देशों से भारत इसका आयात करता है। लिथियम की 80 प्रतिशत निर्भरता चीन के ऊपर है। पिछले साल पहले कश्मीर के रियासी और उसके बाद कोरबा जिले के कटघोरा ब्लाक में स्थित घुंचापुर में लिथियम का भंडार मिला था।
अब तक इन कंपनियों ने लिए 180 टेंडर पेपर
एक अधिकारी ने बताया कि कोल इंडिया ने कोयले के अलावा अन्य खनिजों की खदान के लिए तैयारी शुरू की है। कटघोरा के लिथियम ब्लॉक में कोल इंडिया ने भी रुचि दिखाई है। अर्जेंटीना की केंटामार्का के साथ कोल इंडिया ने अर्जेंटीना में लिथियम खदानों के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है। वेदांता, जिंदल, अडाणी समूह के अलावा ओला इलेक्ट्रिक, श्रीसीमेंट, ओरियंट, डालमिया, रूंगटा, अल्ट्राटेक ने भी लिथियम भंडार की बोली लगाने टेंडर लिए हैं। 50 से अधिक कंपनियों ने रुचि दिखाई, जिन्होंने अलग-अलग ब्लॉक के लिए 180 टेंडर पेपर लिए। टेंडर की प्रक्रिया जारी है।