Wednesday, May 28, 2025

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शैक्षणिक भ्रमण से छात्रों को मिलता है वास्तविक ज्ञान, अनुभव की अनुभूति देती है अविस्मरणीय परिणाम-डॉ. संजय गुप्ता


⭕ *शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है, विद्यार्थियों को अपने और दूसरों के अनुभव से सीखने का एक अच्छा अवसर देते हैं
*शैक्षिक भ्रमण से छात्रों मे अनुभव व ज्ञान का इजाफा होता है
*आईपीएस दीपका में संचालित समर कैंप के आखिरी दिन बच्चों ने विजिट किया वाटर पार्क बिलासपुर।*
मित्रों एवं शिक्षकों के साथ लिया वाटर पार्क का आनंद एवं की भरपूर मस्ती।

कोरबा….मनोरंजन मनवीय सम्बन्धों को अधिमान देता है। व्यक्ति का समस्त जीवन तनाव और चिन्ताओं से भरा हुआ है। भावना बढ़ाता हुआ अपने व्यक्तित्व का पूर्ण विकास कर सकता है। अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करना मनोरंजन का उद्देश्य है ।मनोरंजन एक ऐसी क्रिया है जिसमें सम्मिलित होने वाले को आनन्द आता है एवं मन शान्त होता हैं। मनोरंजन सीधे भाग लेकर हो सकता है या कुछ लोगों को कुछ करते हुए देखने से हो सकता है।
मनोरंजन का अर्थ है ‘मन को खुश रखना’, जब आप किसी काम को पूरा कर थक जाते हो तब आपको मनोरंजन ही ताजगी से भर देता है। मनोरंजन का जीवन में महत्व उतना ही महत्वपूर्ण है जितना आपके जीवन में एक सच्चे दोस्त का होना। कोई अपनों से दूर रहता है, तो वो मनोरंजन की शरण लेकर बोरियत से दूर रह सकता है।प्राचीन काल के मनोरंजन के साधन आखेट, कथा-कहानी, आपबीती, तैराकी, घुड़सवारी, पर्यटन, चौसर, खेल-तमाशे, कला, प्रदर्शन, नृत्य, संगीत, बाजे, गाना आदि थे। मनुष्य इन साधनों के द्वारा मनोरंजन किया करता था। उस समय ये साधन बहुत ही सीमित होने के साथ साथ कम लागत और खर्च के होते थे।
सालभर विद्यार्थियों के मस्तिष्क में अध्ययन का तनाव रहता है।परीक्षा के पश्चात परिणाम का तनाव और परिणाम के पश्चात नई कक्षा के पाठ्यक्रम का बोझ।
लेकिन यदि जिंदगी तनाव में ही गुजर रही है तो यह तय है कि हम अल्पायु हो जाएंगे ।जीवन में तनाव से दूर रहने के लिए इंसान कई उपाय करता है ताकि अपने कार्य क्षमता को बढ़ा सके, वह स्वस्थ रह सके।
*उपरोक्त सभी तथ्यों के मद्दे नजर दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विगत 15 दिनों से अनवरत जारी समर कैंप के* अंतिम दिन में ,एक दिन पूर्व समापन समारोह के पश्चात विद्यार्थियों को बिलासपुर स्थित वाटर पार्क का भ्रमण कराया गया। भारी तादाद में विद्यार्थी विद्यालय से शिक्षकों के साथ वाटर पार्क गए थे। वाटर पार्क में विद्यार्थियों ने भरपूर मस्ती की। शीतल जल के छींटे एक दूसरे में डालकर प्रफुल्लित होते रहे। वाटर पार्क में विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के झूलों का भी आनंद लिया अधिकांश समय विद्यार्थियों ने वाटर पार्क में बिताया ।विद्यार्थियों ने भरपूर मस्ती की, भरपूर आनंद लिया। विद्यार्थियों के साथ शिक्षक शिक्षिका भी विद्यार्थियों के इस आनंद का हिस्सा बने। अधिकांश विद्यार्थी वाटर पार्क की खूबसूरती को अपने कमरे में भी कैद करते नजर आए अपने-अपने मित्र समूह के साथ सेल्फी लेते नजर आए ।न सिर्फ अपने मित्रों के साथ अपितु विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ भी विद्यार्थियों ने वाटर पार्क में वाटर पार्क के इस यादगार लम्हे को अपने कमरे में कैद किया।
वाटर पार्क का आनंद लेने के पश्चात सभी विद्यार्थी कतारबद्ध होकर अपने-अपने बसों में बैठे ,तत्पश्चात विद्यार्थियों को स्वादिष्ट भोजन कराया गया ।पूरी यात्रा के दौरान विद्यार्थियों की हर एक सुख सुविधा का ख्याल विद्यालय प्रबंधन के द्वारा रखा गया।
वाटर पार्क की यात्रा के दौरान सभी विद्यार्थी प्रसन्नचित्र नजर आए ।अपने-अपने घरों की ओर जाते वक्त सभी विद्यार्थियों ने एक दूसरे को गले लगाया और ग्रीष्मकालीन अवकाश के सुरक्षित व्यतीत करने हेतु एक दूसरे को शुभकामनाएं दी।

विद्यालय के प्राचार्य *डॉक्टर संजय गुप्ता* ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी और शिक्षक यदि एक साथ किसी यात्रा पर जाते हैं तो दोनों में आपसी समझ विकसित होती है। विद्यार्थियों के मन से शिक्षकों के प्रति डर खत्म हो जाता है ।विद्यार्थी उम्र भर शिक्षक को सम्मान तो देता ही है साथ ही अपने हर संशय का निदान शिक्षकों से करने में समर्थ होता है। वहीं अपने मित्रों के साथ यात्रा में जाने से उनमें सामाजिकता सौहार्द्र,प्रेम ,नेतृत्व अनुशासन जैसे विभिन्न नैतिक गुणों का विकास निरंतर होता रहता है। अलग-अलग स्थानों की यात्रा करने से हमारे सामान्य ज्ञान में भी वृद्धि होती है। हमें हर स्थान पर हर पल बहुत कुछ नई चीज़ सीखने का अवसर मिलता है। हमें किसी भी यात्रा के दौरान अनुशासित अवश्य रहना चाहिए क्योंकि अनुशासन ही हमारे व्यक्तित्व की पहचान होती है। हमें हमेशा अपने वाणी पर संयम बनाकर रखना चाहिए।

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